हो गई एक रूह आज़ाद, याद आएगी
है बाकी कुछ बात, मुलाक़ात याद आएगी,
उड़कर पंछी पिंजरे से आसमां में खो गया,
जो संग गुजरी रात-ए-जज़्बात याद आएगी,
तुमसे मिलने जुलने का सिलसिला रहे जारी,
मगर, तुम्हारे जाने की हर बात याद आएगी,
(इरफ़ान खान की याद में)
है बाकी कुछ बात, मुलाक़ात याद आएगी,
उड़कर पंछी पिंजरे से आसमां में खो गया,
जो संग गुजरी रात-ए-जज़्बात याद आएगी,
तुमसे मिलने जुलने का सिलसिला रहे जारी,
मगर, तुम्हारे जाने की हर बात याद आएगी,
(इरफ़ान खान की याद में)
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