Friday, May 1, 2020

फासला

कल और आज में एक फासला हुआ करता था,
एक रात होती थी जिसमें ख़्वाब हुआ करता था ।

पूरे आसमान की जिस से हमे पहचान होती थी,
बहुत ख़ूबसूरत सा एक चांद हुआ करता था ।

अब तो हो जाते है मायूस ज़रा ज़रा की बातों से,
सुना है किसी ज़माने में कभी ग़म हुआ करता था ।

हो जाती थी शाम तो अपने घर लौट आते थे वो भी
एक वक्त था जब परिंदों का घौसला हुआ करता था।

वो लोग अमर है, किस्सों में कहानियों में किताबों में,
देखो, जान से बढ़कर जिनका हौसला हुआ करता था।

No comments: